टॉप 20 पुरानी हिंदी फ़िल्में जिन्हें आपको 2023 में देखनी चाहिए
भारतीय सिनेमा का एक धनी और विविध इतिहास है, जिसमें ऐसी कई फ़िल्में हैं जिन्होंने पूरी दुनिया के दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला है। इनमें से, बॉलीवुड के स्वर्ण युग की कुछ श्रेष्ठ फ़िल्में श्रेष्ठ की जगह बनाने के लिए बनी हैं, और 2023 में भी मान्य और मूल्यांकन की जाती हैं। इस सूची में, हम यादें ताजगी के साथ बदलने के लिए एक यात्रा करते हैं और 20 पुरानी हिंदी फ़िल्मों का पता लगाते हैं जिन्होंने समय के परीक्षण को टिकाऊ बनाया है और आपके देखने के लिए एक जगह के योग्य हैं।
1. प्यासा (1957)
निर्देशक: गुरु दत्त
कलाकार: गुरु दत्त, वाहीदा रहमान, माला सिन्हा, मेहमूद, जॉनी वॉकर, रहमान
प्यासा एक श्रेष्ठता है जो विजय, एक संघर्षण कर रहे लेखक, के जीवन और उसके गुलाबो, एक वेश्या, के साथ मिलने की चर्चा करता है, जो उसके काम को प्रकाशित करने में मदद करती है। यह मूवी मानव भावनाओं और समाज के संघर्षों की एक शक्तिशाली खोज है।
2. दो बीघा ज़मीन (1953)
निर्देशक: बिमल रॉय
कलाकार: बलराज साहनी, निरूपा रॉय, रतन कुमार, नाना पालसीकर, मीना कुमारी
दो बीघा ज़मीन किसान शम्भु की दर्दनाक कहानी को बताती है, जो अपने कर्ज़ चुकाने के लिए कोलकाता में एक रिक्शा खींचने वाले बन जाते हैं। फ़िल्म गरीबी और जीवन बचाव पर एक दुखद टिप्पणी प्रस्तुत करती है।
3. आवारा (1951)
निर्देशक: राज कपूर
कलाकार: राज कपूर, नरगिस, पृथ्वीराज कपूर, के.एन. सिंह, शशि कपूर
आवारा राज की कहानी को फॉलो करती है, एक युवक जो अपने प्यारे तथा प्रेमिका पार्वती से समाज के नियमों के कारण अलग हो जाता है और फिर शराब की ओर मोड़ता है।
4. जागते रहो (1956) (स्टे अलर्ट)
निर्देशक: अमित मैत्र, सोमभु मित्र
कलाकार: राज कपूर, नर्गिस, प्रदीप कुमार, सुमित्रा देवी, स्मृति बिस्वास
जागते रहो एक बहुत ही गरीब और हारे हुए गांववाले की कहानी पर आधारित है जो कोलकाता में पानी खोज रहे होते हैं, जबकि निवासियों को वह चोर मान लेते हैं। बचते समय, उन्होंने इमारत के निवासियों की दुर्बलता का पर्दाफाश किया।
5. काग़ज़ के फूल (1959) (पेपर फ्लावर्स)
निर्देशक: गुरु दत्त
कलाकार: गुरु दत्त, वाहीदा रहमान, जॉनी वॉकर, वीणा
काग़ज़ के फूल एक मूवी डायरेक्टर की कहानी है जो एक अनाथ महिला शांति से प्यार करता है और उसे एक महान सितारा बनाता है। फ़िल्म फेम की कीमत और संबंधों की जटिलताओं को छूती है।
6. उसने कहा था (1960)
निर्देशक: मोनी भट्टाचार्जी
कलाकार: सुनील दत्त, नंदा, राजेंद्र नाथ, दुर्गा खोटे
उसने कहा था नंदू और कमली की प्रेम कहानी के आधार पर है, जो एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं, लेकिन कमली के चाचा इसके खिलाफ हो जाते हैं क्योंकि वह बेरोजगार हैं। इसके बाद, वह सेना में शामिल हो जाते हैं, और उन्हें पता चलता है कि कमली की शादी हो चुकी है। बाद में, उन्हें यह पता चलता है कि उसका पति उनके अधिकारी अधिकारी है, इसलिए वह कमीशन छोड़ देने के लिए या कमली को भूलने के लिए एक निर्णय लेना होता है।
7. नीचा नगर (1946)
निर्देशक: चेतन आनंद
कलाकार: रफ़ीक अंवर, उमा अनंद, कमिनी कौशल, मुराद, रफ़ी पीर
नीचा नगर एक धनी मालिक के चरम जीवन के चारों ओर दुख में जीने वाले गरीब गांववालों की लड़ाई के आस-पास घूमती है। वह गांववालों की भूमि को एक परियोजना के लिए प्राप्त करने के लिए उनके वास्तविकता में अपयोग करने की कोशिश करते हैं, जैसे कि उनके कचरे को गांव में फैलाना, पानी आपूर्ति को प्राप्त करना, आदि।
8. दस्तक (1970)
निर्देशक: रजिंद्र सिंह बेदी
कलाकार: संजीव कुमार, रेहाना सुल्तान, अंजू महेंद्रू, शकीला
दस्तक एक नए विवाहित जोड़े की कहानी है जो पहले एक वेश्या द्वारा निवास किया जाने वाले एक फ्लैट में बदलते हैं। शादीशुदा के अपने ग्राहक उस स्थान पर आते रहते हैं क्योंकि वह उसके स्थान पर औरत की व्यवसा अपने अंदर नहीं आती है, जबकि पड़ोसी समझते हैं कि वह जोड़े भी उसी व्यवसा में हैं। यह मुख्य रूप से सामाजिक संकटों जैसे कि फ़्लेश ट्रेड, नॉच गर्ल्स, आदि पर काम करता है।
9. देवदास (1955)
निर्देशक: बिमल रॉय
कलाकार: दिलीप कुमार, सुचित्रा सेन, वायुजन्थीमाला
देवदास एक प्यार की कहानी पर आधारित है जिसमें देवदास और पार्वती के बीच होता है, जो उसके परिवार के लिए गरीब और एक निचले जाति से होती है। वह सामाजिक बुराइयों से लड़ने में असमर्थ होते हैं और फिर बिना नियंत्रित होकर पीना शुरू कर देते हैं, जिसके कारण उन्होंने खुद को नष्ट कर दिया।
10. बम्बई का बाबू (1960)
निर्देशक: विक्रम भट्ट
कलाकार: सैफ अली खान, आतुल अग्निहोत्री, काजोल
बम्बई का बाबू बाबू और मलिक नामक दो बचपन के दोस्तों की मित्रता के बारे में है, जो आखिरकार पुलिस इंस्पेक्टर और अपराधी बन जाते हैं, लेकिन एक आदमी को मार देते हैं और फिर उन्हें अमीर वारिस की भूमिका के बजाय कुंदन की पहचान बनाने के लिए ब्लैकमेल किया जाता है, जिसका एक बड़ी बहन है। चीजें और भी जटिल हो जाती हैं जब बबू कुंदन की बहन से प्यार करने लगते हैं।
11. गाइड (1965)
निर्देशक: विजय आनंद, तड़ दैनिएलेव्स्की
कलाकार: देव आनंद, वाहीदा रहमान, इलीला चिटनिस, किशोर साहु
गाइड एक पूर्व टूर गाइड की कहानी पर आधारित है, जो गांववालों द्वारा एक संत माना जाता है। वह चोरी के लिए जेल से लौटते हैं और एक सफल टूर गाइड बन जाते हैं, लेकिन एक आदमी के साथ एक प्यार कहानी और बड़े बदलाव की ओर बढ़ते हैं।
12. पाकीज़ा (1972)
निर्देशक: कामल अम्रोही
कलाकार: मीना कुमारी, राजकुमार, नादिरा, अशोक कुमार
पाकीज़ा एक प्यार और समाज की मर्जी के बारे में कहानी है, जिसमें एक जवान आदमी और एक बूढ़ी महिला के बीच होता है। फ़िल्म उनकी प्यार की अनिवार्यता और उसके बाद के समाज के दबाव को दर्शाती है।
13. कबूलीवाला (1961)
निर्देशक: हरी शंकर
कलाकार: बलराज साहनी, सुचित्रा, चाँद्रिका, नाजीर हुसैन
कबूलीवाला एक कहानी है जिसमें एक अफ़ग़ान कबूलीवाला जोड़े के बच्चे के साथ एक अनूठी दोस्ती का आदान-प्रदान करते हैं। फ़िल्म मानवता और दोस्ती के मूल्य को प्रमोट करती है।
14. कब ही कब हो (2008)
निर्देशक: अमित बच्चन
कलाकार: अभिषेक बच्चन, आश्वर्या राय बच्चन, आर्या बब्बर, अमिताभ बच्चन
कब ही कब हो एक मुसाफ़िर की कहानी है जो एक गर्मी की रात को एक अजनबी और उसके परिवार के साथ गुज़ारता है। इस फ़िल्म में दो अजनबी जो अपने जीवन में अपनी प्राथमिकताओं को समझते हैं और एक-दूसरे के साथ ज़रूरतों की पूर्ति करने में मदद करते हैं।
15. ब्लैक (2005)
निर्देशक: संजय लीला भंसाली
कलाकार: अमिताभ बच्चन, रानी मुखर्जी, शोहराब सिक्दर, धृतिमान चट्टेर्जी
ब्लैक एक मुकाबला करने वाले एक मुख्य शिक्षक और उसकी अंधी शिक्षिका के बीच की कहानी है। फ़िल्म में शिक्षा, प्यार, और समर्पण के मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
16. रंग दे बसंती (2006)
निर्देशक: राके भोसले
कलाकार: आमिर ख़ान, सिद्धार्थ, शरमन जोशी, आतिफ़ असलम, किरन ख़ेर, ओम पुरी
रंग दे बसंती एक गुरुकुल के छात्रों की कहानी पर आधारित है, जो एक फ़िल्म की शूटिंग के लिए अभिनय करने के लिए जुट जाते हैं और फिर उनके अभिनय के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शीर्षक बनते हैं।
17. मेरा नाम जोकर (1970)
निर्देशक: राज कपूर
कलाकार: राज कपूर, सिमी गरेवाल, पू लाल
मेरा नाम जोकर एक गुज़रते समय की कहानी है, जिसमें अर्जुन, एक सर्कस के जोकर, के जीवन की कहानी दिखाई जाती है। फ़िल्म कला, दर्द, और उम्मीद की उत्कृष्ट प्रस्तुति है।
18. हैम आपके हैं कौन (1994)
निर्देशक: सुरेश भाई बख्शी
कलाकार: सलमान ख़ान, माधुरी दीक्षित, आलोक नाथ, रेमा लागू
हैम आपके हैं कौन एक परिवार के बीच के रिश्तों और समर्पण के बारे में कहानी है। फ़िल्म भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और परिवार के महत्व को प्रमोट करती है।
19. दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995)
निर्देशक: आदित्य चोपड़ा
कलाकार: शाहरुख़ ख़ान, काजोल, आमरीश पुरी, अनुपम खेर, फ़रीद ज़ुहरी, मंजु वार्ड्य
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे एक प्यार और परिवार के माध्यम से बनाई जाती है, जब राज सिमर के खिलाफ उसके पिता से पापा के खिलाफ अपने प्यार के लिए खड़े होते हैं। फ़िल्म के बाद, उन्हें खुद के लिए और अपने परिवार के लिए सही निर्णय लेने के लिए मुश्किल चुनौतियों का सामना करना होता है।
20. जब वी मेट (2001)
निर्देशक: करण जौहर
कलाकार: शाहरुख़ ख़ान, काजोल, आमिताभ बच्चन, जया बच्चन, हृथिक रोशन, करीना कपूर
जब वी मेट एक अजनबी कहानी है जिसमें रहुल और तिना एक आधा आदमी और उसकी दोस्त की पत्नी के बीच होती है। फ़िल्म में प्यार, दोस्ती, और विवादों के मूल्य को प्रमोट करती है।
ये 20 पुरानी हिंदी फ़िल्में हैं जो 2023 में भी आपके देखने के लायक हैं, और इनमें से हर एक फ़िल्म एक अनूठी कहानी और उम्मीदों की एक झलक प्रस्तुत करती है। कई इनमें सामाजिक संदेश और मानव भावनाओं का आदान-प्रदान होता है, जिन्हें आपके मनोरंजन के साथ-साथ सोचने का भी मौका मिलेगा।