Sanju Rathod Biography In Hindi In 2025 I संजू राठौड़ जीवन परिचय

 
Sanju Rathod Biography In Hindi In 2025 I संजू राठौड़ जीवन परिचय

मराठी संगीत उद्योग में अपनी अनूठी पहचान बनाने वाले संजू राठौड़ आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। महाराष्ट्र के जलगांव जिले के धानवड गांव के एक छोटे से तांडे से निकलकर, संजू ने अपनी लगन और कला से 'गुलाबी साडी' जैसे वायरल गीत के ज़रिए दुनिया भर में धूम मचाई है। 24 नवंबर 1998 को बंजारा परिवार में जन्मे संजू राठौड़ एक गायक, गीतकार, संगीतकार और संगीत निर्देशक हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

संजू राठौड़ का शुरुआती जीवन सादगी भरा रहा। उनके पिता एक किसान हैं और माँ गृहिणी हैं। संगीत की दुनिया से कोई पारिवारिक संबंध न होने के बावजूद, संजू ने अपने कॉलेज के दिनों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान संगीत में रुचि विकसित की। शुरू में, उन्होंने हिंदी में भी संगीत बनाने का प्रयास किया, लेकिन बाद में अपने दोस्त जी-स्पार्क (G-SPARK) से मिलने के बाद, उन्होंने मराठी संगीत पर ध्यान केंद्रित किया।

संजू राठौड़ जीवन परिचय Sanju rathod biography in hindi (गायक) - Study By  Mind

करियर की शुरुआत और संघर्ष

संगीत के शुरुआती सफ़र में संजू ने कई संघर्षों का सामना किया। उन्हें अपने गानों के लिए लोन तक लेना पड़ा था, और आर्थिक स्थिति कई बार बहुत कठिन रही। हालांकि, उनकी लगन और प्रतिभा ने उन्हें हार नहीं मानने दी। उन्होंने 'बप्पा वाला गाणं', 'बुलेटवाली' और 'नऊवारी वैशी' जैसे कई हिट गाने दिए, जो यूट्यूब पर लाखों व्यूज़ बटोरने में सफल रहे।

'गुलाबी साडी' से मिली पहचान

संजू के करियर का टर्निंग पॉइंट फ़रवरी 2024 में आया, जब उनका मराठी-पॉप गीत 'गुलाबी साडी' रिलीज़ हुआ। यह गीत तुरंत वायरल हो गया और इसने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया। इस गाने पर इंस्टाग्राम पर 5 मिलियन से अधिक रील्स बनीं, और यह भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मशहूर हुआ। माधुरी दीक्षित जैसी मशहूर हस्तियों से लेकर आईपीएल के मंच तक, हर जगह लोगों ने इस गाने पर अपनी प्रस्तुति दी। इस गीत ने मराठी संगीत को एक वैश्विक मंच पर पहुँचाया, और संजू राठौड़ एक रात में ही सनसनी बन गए।

संजू राठौड़: एक बहुमुखी कलाकार

गायन और गीत लेखन के अलावा, संजू राठौड़ ने संगीत निर्देशन और अभिनय में भी हाथ आजमाया है। उनकी रचनाओं में मराठी-पॉप, कंटेंपरेरी पॉप, अफ़्रोबीट्स और इंडी पॉप जैसे शैलियों का मिश्रण देखने को मिलता है। उनकी संगीत शैली में मराठी, राजस्थानी और लोक परंपराओं का अनूठा मेल है, जो उन्हें भीड़ से अलग बनाता है।

आज 2025 में, संजू राठौड़ अपनी कामयाबी के शिखर पर हैं। 'गुलाबी साडी' की सफ़लता के बाद, वह लगातार नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं और मराठी संगीत की पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। उनका सफ़र यह दर्शाता है कि प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट विश्वास से कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को पूरा कर सकता है, चाहे उसकी शुरुआत कितनी भी छोटी क्यों न हो।